अर्जेंटीना: जी-20 देशों के नेताओं का सालाना शिखर सम्मेलन शुक्रवार को यहां शुरू हुआ, जिसमें इस समूह के 10 साल के इतिहास में अबतक के सबसे गहरे मतभेद उभर कर सामने आए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को व्यापार और जलवायु परिवर्तन पर इस समूह में बनी पिछली आम सहमति को नुकसान पहुंचाने को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्यूनस आयर्स में हैं। इस बीच, यूक्रेन के 3 जहाजों को रूसी सुरक्षाबलों द्वारा कब्जे में लेने के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिबंधों के ‘क्रूर’ इस्तेमाल और व्यापार संरक्षणवाद की निंदा की। ट्रंप ब्यूनस आयर्स में पुतिन के साथ प्रस्तावित बैठक को पहले ही रद्द कर चुके हैं। पुतिन के प्रहार और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों द्वारा ट्रंप की इसी तरह की आलोचना ने जी-20 सम्मेलन में विवादों को और हवा दे दी है। इस सम्मेलन में यूक्रेन और सऊदी अरब के मुद्दे पहले से ही छाए रहने की आशंका है।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टरीजा मे ने कहा कि वे शहजादे के साथ मुलाकात में पत्रकार खशोगी की हत्या का मुद्दा उठाएंगे। टरीजा ने कहा कि वह सम्मेलन का इस्तेमाल यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के बाद के ‘वैश्विक ब्रिटेन’ के नजरिए को पेश करने के लिए करेंगी। ईयू के प्रमुख डॉनल्ड टस्क की नजर यूक्रेन संकट पर रही और उन्होंने कहा कि जी 20 में वह यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि संगठन अगले महीने रूस पर अपने प्रतिबंध लगाए।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान की पुराने मित्र की तरह जोरदार स्वागत किया। दोदिवसीय सम्मेलन की शुरुआत में सलमान को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी बेटी इवांका से बातचीत करते हुए और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से हाथ मिलाते हुए देखा गया। इस सम्मेलन के जरिए शहजादे मोहम्मद की अंतरराष्ट्रीय मंच पर वापसी हुई है। इससे पहले पत्रकार जमाल खशोगी की सऊदी अरब के इस्तांबुल स्थित वाणिज्य दूतावास में हत्या को लेकर सऊदी अरब आलोचनाओं का सामना करता आ रहा था।