न्यूजीलैंड में आयोजित हुई तीन दिवसीय सिख गेम अंतरराष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता

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पलवल, न्यूजीलैंड में आयोजित हुई तीन दिवसीय सिख गेम अंतरराष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता में पलवल की बेटी नीरज जाखड़ ने बेस्ट रैडर का खिताब जीतकर अपने प्रदेश व देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात किया है। नीरज का पलवल पहुंचने पर फूलमालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया । एक तरफ जहां देश में बेटियों के साथ हैदराबाद और उन्नाव जैसे दिल दहलाने वाली घटनाएं हो रही है वहीं दूसरी तरफ इस देश की बेटियां ग्रामीण आंचल से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम ऊंचा कर रही है। पलवल की बेटी नीरज जाखड़ ने ग्रामीण आंचल से निकलकर न्यूजीलैंड में अपने देश का परचम कबड्डी में लहराया है। नीरज ने 30 नवंबर से लेकर 2 दिसंबर तक हुई तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय न्यूजीलैंड सिख गेम कबड्डी प्रतियोगिता में बेस्ट रेडर का खिताब अपने नाम किया है। न्यूजीलैंड में आयोजित हुई कबड्डी प्रतियोगिता में भारत, ऑस्ट्रेलिया, ऑकलैंड, और न्यूजीलैंड सहित दर्जनभर देशों की टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में भारत का फाइनल मुकाबला ऑकलैंड के साथ हुआ जिसमें भारत ने ऑकलैंड को हराकर न्यूजीलैंड की धरती पर इतिहास रच दिया। भारत की तरफ से टीम में खेल रही नीरज को प्रतियोगिता में बेस्ट रैडर का खिताब दिया गया। 21 वर्षीय नीरज जाखड़ मूल रूप से पलवल जिला के गांव चांदहट की रहने वाली है। और पिछले 3 साल से कबड्डी का प्रयास कर रही है। नीरज पंजाब में एक क्रिकेट एकेडमी में कबड्डी का अभ्यास करती है कबड्डी के साथ-साथ नीरज बीए फाइनल की छात्रा है। नीरज जाखड़ ने बताया कि उनकी इस कामयाबी के पीछे उनके परिवार के लोगों का हाथ है क्योंकि जहां आज के समय में महिलाओं के साथ जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं खासतौर से ग्रामीण इलाकों में लड़कियों के लिए कई सारी दिक्कतें सामने आ रही हैं लेकिन उनके परिवार ने उनका हमेशा साथ दिया जिसके बलबूते पर वह यहां तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि आज के समय में लड़कियों को मजबूत होने की जरूरत है और लड़कियां किसी से भी कम नहीं है इसलिए वह सब वह कर सकती हैं जो वह चाहती हैं उन्होंने कहा कि अब वह फरवरी में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले अपने अगले खेलों के लिए तैयारी करेंगी। वही अंतरराष्ट्रीय कबड्डी में मशहूर खिलाड़ी रहे सरजीत पहलवान ने कहा कि नीरज ने ग्रामीण आंचल से निकलकर अपने देश व प्रदेश का नाम विदेश में रोशन किया है जो उनके गांव के लिए गर्व की बात है और हम सबको मिलकर लड़कियों को खेलों के लिए बढ़ावा देना चाहिए उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में वह प्रयासरत है कि गांव में लड़कियों के प्रशिक्षण के लिए अलग से एकेडमी खोली जाएगी। ताकि लड़कियों को कहीं बाहर जाने की जरूरत ना पड़े

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