पलवल, 17 मई। कोविड-19 वैश्विक महामारी से बचाव के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान पलवल जिला से अपने घर जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों व अन्य को उनके गृह राज्यों में भेजे जाने का सिलसिला निरंतर जारी है। उपायुक्त नरेश नरवाल के मार्गदर्शन में पलवल जिला से अब 365 प्रवासी श्रमिकों व अन्य को ट्रेन, हरियाणा राज्य परिवहन विभाग की बसों व निजी वाहनों द्वारा भेजा जा चुका है। रवानगी से पहले हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान मिली आश्रय व अन्य सुविधाओं के लिए प्रवासी राज्य सरकार व जिला प्रशासन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हंै और लॉकडाउन खुलने के उपरात पुन: हरियाणावापसी की इच्छा भी जाहिर कर रहे हैं।
अक्षय ऊर्जा विभाग के सहायक परियोजना अधिकारी एवं प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए प्रभारी नवीन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन की ओर से बीते शनिवार को भी 129 प्रवासी श्रमिकों को पांच बसों द्वारा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर व सहारनपुर छोड़ा गया। अतिरिक्त उपायुक्त वत्सल वशिष्ठ के निर्देशानुसार महाराणा प्रताप भवन, पलवल में बने शेल्टर होम में रवानगी से पहले प्रवासी श्रमिकों की मेडिकल जांच की गई तथा यात्रा में रास्ते के लिए पीने के पानी व खाद्य सामग्री भी वितरित की गई। कोविड-19 से बचाव के लिए बसों में फेस मास्क, सुरक्षा इंतजामों व सोशल डिस्टेंस की पालना भी सुनिश्चित की गई। उन्होंने बताया कि रवानगी से पहले सभी प्रवासी श्रमिकों ने पलवल जिला से जुड़े अपने अच्छे अनुभव सांझा किए और घर वापसी की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन का आभार भी जताया।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन अतिरिक्त उपायुक्त वत्सल वशिष्ठ पलवल जिला से अब तक उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि के निवासियों को भेजा जा चुका है। बीती आठ मई को भी दो बसों के माध्यम से 37 प्रवासी श्रमिकों को रोहतक भेजा गया था जहां से बिहार जाने वाली ट्रेन पकड़ कर वे सभी अपने गृह राज्य की ओर रवाना हुए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में अन्य राज्यों से पलवल जिला के 76 निवासी भी यहां पहुंचे हैं। बाहर से आने वालों को जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य जांच के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर्स में रखा जाता है। सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट नेगेटिव मिलने के उपरांत इन सेंटर्स से बाहर से आने वालों को डिस्चार्ज किया जाता है।