पाकिस्तान की सबसे पुरानी और प्रसिद्ध सूफी दरगाह को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। हमले के समय दरगाह के पास एक दुकान पर काम कर रहा ताहिर असलम (18) गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे मायो अस्पताल ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 13 हो गई। इस हमले में 6 पुलिसकर्मियों और 7 आम नागरिकों की मौत हुई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने डॉन समाचार पत्र को गोपनीयता की शर्त पर बताया कि सुरक्षा बलों ने हमले संबंधी जांच में अभी कोई खास प्रगति नहीं की। उन्होंने बताया कि हालांकि उन्होंने लाहौर से कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। रमजान के महीने के दूसरे दिन दाता दरबार के बाहर एक आत्मघाती हमलावर ने स्वयं को उड़ा लिया था।
बता दें कि लाहौर में 8 मई को एशिया के सबसे बड़े सूफी दरगाहों में से एक दाता दरबार के बाहर विस्फोट हुआ था। आत्मघाती हमले में पुलिस की कार को निशाना बनाया गया जो दरगाह के बिल्कुल नजदीक खड़ी थी। पंजाब के गृह मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए पांस सदस्यीय संयुक्त जांच दल का गठन किया है।