मानवाधिकार हनन के मामले में जांच को तैयार श्री लंकाई सेना

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कोलंबो : श्री लंकाई सेना गृहयुद्ध के दौरान अपने सैनिकों पर लगे मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोपों का बचाव करने के लिए किसी भी तरह की जांच को तैयार है। यह गृहयुद्ध द्वीप राष्ट्र ने लिट्टे के खिलाफ लड़ा था। श्री लंकाई सेना पर 2009 में ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’ (LTTE) के साथ समाप्त हुए सैन्य संघर्ष के अंतिम चरण में युद्ध अपराधों के आरोप लगे थे। LTTE चीफ वी प्रभाकरन के मारे जाने के बाद 2009 में यह युद्ध खत्म हुआ था।

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने युद्ध के अंतिम महीने में 40,000 तमिल नागरिकों की हत्या का आरोप लगाया था, जबकि तत्कालीन सरकार का कहना है कि उस दौरान एक भी नागरिक की जान नहीं गई। सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायक ने दक्षिणी शहर वेलिगामा में रविवार को पत्रकारों से कहा, ‘हमें किसी जांच का कोई डर नहीं है क्योंकि हमने कोई अपराध नहीं किया है।’

सेनानायक ने कहा कि किसी भी युद्ध में नागरिक हताहत होंगे ही। उन्होंने कहा, ‘यह कठोर सत्य है। इसके बिना कोई युद्ध नहीं हो सकता। इसका मतलब यह नहीं है कि हमने ऐसा कुछ युद्ध के दौरान किया है।’

सेनानायक ने इस बात पर जोर दिया , ‘गड़े मुर्दे ना उखाड़ें…उन सकारात्मक चीजों पर गौर करें जो हमने पिछले 10 वर्षों में की है।’ अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच पर सेनानायक ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय जांच की आवश्यकता नहीं है। हमारी न्यायपालिका यह करने में सक्षम है।’

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