नई दिल्ली । सरकार और आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) विवाद के बीच देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने सरकार के पक्ष का मजबूती से समर्थन किया है। सुब्रमण्यम नेक हा कि आरबीआई के पास 4.5 लाख करोड़ रुपये से लेकर 7 लाख करोड़ रुपये की अधिशेष पूंजी है, जिसका इस्तेमाल बैंकों के पुनर्पूंजीकरण में किया जा सकता है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह काम आरबीआई की तरफ से खुद किया जाना चाहिए न कि इसमें बाहर से कोई दखलअंदाजी होनी चाहिए। सुब्रमण्यम ने कहा कि उनका यह सुझाव आरबीआई के पूर्व और मौजूदा अधिकारियों के विचार के खिलाफहै, जो यह मानते हैं किआरबीआई को अधिशेष पूंजी सरकार को दिए जाने की जरूरत नहीं है। लेकिन वह गलत सोचते हैं।
अपनी पुस्तक ‘ऑफ काउंसल: द चैलेंजेज ऑफ मोदी-जेटली इकॉनमी’ के प्रकाशन से पहले बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘इन अधिकारियों को लोगों का सम्मान हासिल है और यह अच्छे कारणों की वजह से है। मार्ग्रेट थैचर कहा करती थीं कि ‘एक आदमी और सच्चाई ही बहुमत होता है।”
उन्होंने कहा, ‘बैंकों को बेहतर बनाने के लिए और अधिक पैसों की जरूरत है। यह संभव है कि सरकार को ऐसा करने के लिए 3 से 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यह पहले से खर्च की गई रकम के अतिरिक्त है ताकि सरकारी बैंकों की हालत को दुरुस्त किया जा सके।’ सुब्रमण्यम ने कहा कि ऐसी स्थिति में सिर्फ एक सार्वजनिक उद्यम है, जिसके पास इसे पूरा करने के लिए पर्याप्त नकदी है और वह आरबीआई है।