नई दिल्ली: रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने रेट कट का तोहफा दिया है, जिससे आपका लोन और सस्ता हो सकता है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति में फिर से रीपो रेट में कटौती की गई है। रीपो रेट 0.35% घटाकर 5.40% किया गया और रिवर्स रीपो रेट 5.15% कर दिया गया है। यह लगातार चौथी बार है, जब आरबीआई ने रीपो रेट घटाया है। तीन दिवसीय बैठक के बाद रीपो रेट में इतनी कटौती का फैसला लिया गया है। इसके अलावा, जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 7% से घटाकर 6.9% कर दिया गया है।रीपो रेट (वह ब्याज दर, जिस पर RBI कमर्शल बैंकों को कर्ज देता है) अब तक 5.75 पर्सेंट था, जो सितंबर 2010 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था। आरबीआई इस साल पहले ही रीपो रेट में तीन बार में 0.75 पर्सेंट की कटौती कर चुका था। आज कटौती का ऐलान होने के बाद यह 5.40 पर्सेंट पर आ गया है। ऐसा होने से कर्ज सस्ता होने का रास्ता आसान हो गया है।
रीपो रेट में कमी का कर्ज लेने वालों पर सीधा असर होगा, क्योंकि बैंक कर्ज पर ब्याज दर घटा सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि रीपो रेट में कटौती का मतलब है कि बैंकों का मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) भी घट जाएगा।
ऐसोचैम ने सोमवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति के आकलन, तत्काल मांग और निवेश को गति देने की जरूरत को देखते हुए रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में रीपो दर में 0.50 प्रतिशत या उससे ज्यादा की कटौती कर सकता है।
सिंगापुर के प्रमुख बैंक और वित्तीय संस्थान डीबीएस ने एक शोध रिपोर्ट में कहा था कि आरबीआई रीपो रेट में 0.25 पर्सेंट की कटौती कर सकता है। उसने कहा था कि मुद्रास्फीति तय लक्ष्य से नीचे बनी हुई है। वाहन, सीमेंट की बिक्री में कमी के बीच अर्थव्यवस्था में गतिविधियों में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक यह कदम उठा सकता है।