फरीदाबाद। समाज से लिंग-भेद मिटाने, आपसी बेहतर सामंजस्य स्थापित करने तथा एक बेहतर समझ के साथ बेहतर भविष्य हेतु सामाजिक उत्थान के लिए बहुत जरूरी है कि बच्चों की परवरिश बिना भेदभाव के की जाए, इसके फलस्वरूप यदि सुखद भविष्य के लिए बालमन में बीज डाले गए हैं तो ही सुन्दर व् मनमोहक पौधे तैयार होंगे | गुणसूत्र निर्धारित करते हैं कि लड़का होगा या लड़की, इसलिए प्रकृति और विज्ञान के मामले में इन्सानी दखल ना हो तो ही बेहतर है | उक्त बातें बाल सलाह, परामर्श व् कल्याण केन्द्रों की स्थापना के राज्य परियोजना नोडल अधिकारी, अनिल मलिक ने फरीदाबाद के एन० आई० टी० 01 स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक मेट्रो विद्यालय में जिले के 14वें तथा राज्य के 80वें बाल सलाह, परामर्श व् कल्याण केन्द्र के स्थापना अवसर पर कहीं |
इस अवसर पर बाल कल्याण परिषद द्वारा विद्यालय की छात्राओं व् शिक्षकों हेतु “लैंगिक समानता के रास्ते बाल सुरक्षा व संरक्षण” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया | मुख्य वक्ता के तौर पर अनिल मलिक ने कहा कि माता-पिता यदि बच्चों की परवरिश बिना लिंग-भेद तथा बिना असमानता से करेंगे तो बच्चों के लिए चहुँमुखी विकास के अवसर खुले रहेंगें | लड़के-लड़की को समानता से शिक्षा, खेलकूद तथा स्वास्थ्य के समान अवसर मिलें | बिना लिंग-भेद के अभिव्यक्ति की आजादी हो | समाज से लिंग-भेद की बुराई मिटाने हेतु बच्चों की विशेष तौर से लड़कियों की सुरक्षा और सुरक्षित जन्म के मौके तभी बेहतर होंगे जब माता-पिता सिर्फ एक बच्चे की उम्मीद करेंगे ना कि लड़का या लड़की की |
अगर माता-पिता बच्चों की समान दृष्टिकोण से परवरिश करेंगे तो बच्चे हर क्षेत्र में अपने बेहतर प्रयास करेंगें तथा उनके लिए बेहतर से बेहतर सम्भावनाएं उपलब्ध रहेंगी | इसके लिए हर व्यक्ति विशेष को सिर्फ पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर बच्चों को प्रशंसा, प्रोत्साहन व् प्रेरणाभरा वातावरण प्रदान करना पड़ेगा | एक समान दृष्टिकोण से हर बेटी को वह सब हासिल हो जो किसी बेटे को मिलता है, ना बेटे को ज्यादा ना बेटी को कम | लैंगिक रूप से संवेदनशील नजरिए कि अपनी एक महत्ता है और घरेलू संस्थान समाज में दूरियां पाटने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण से बेहतर कार्ययोजना तैयार कर सकते हैं |
किशोरावस्था के बच्चों के लिए विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद विशेष तौर से बच्चों में निरन्तर जागरूकता फैला रही है | बच्चों को बेहतर सुरक्षा व् संरक्षण मिले तथा उन्हें बाल शोषण जैसी घटनाओं से बचाने हेतु हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा निरन्तर इस ओर प्रयास किए जा रहे हैं |
कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त रूप से जिला बाल कल्याण अधिकारी, सुन्दरलाल खत्री व् स्कूल प्राचार्य रमेश गुप्ता द्वारा की गयी | कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्राचार्य ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परामर्श की इस परियोजना की जितनी सराहना की जाए कम है | राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा आज के समय की जरूरत को समझते हुए इसकी शुरुआत की गयी है जोकि अत्यन्त सराहनीय है | परियोजना के संचालन में निरन्तरता और सकारात्मक सहयोग से आने वाले भविष्य में एक सकारात्मक बदलाव नजर आ सकते हैं | कार्यक्रम के दौरान विशेष तौर से राज्य परियोजना संयोजक उदय चन्द, आजीवन सदस्या व् परामर्शदात्री अन्जू यादव, अपर्णा तथा आशा पाण्डे के साथ-साथ समाजसेवी लाखन सिंह लोधी व ऐस के टूटेजा समाजसेवी तथा स्कूल स्टाफ से सीमा रावत, सुधीर भी उपस्थित रहे |