नई दिल्ली : पीवी सिंधु का वर्ल्ड चैंपियनशिप स्वर्ण पदक के दौरान मार्गदर्शन करने वाली भारत की महिला एकल बैडमिंटन कोच दक्षिण कोरिया की किम जी ह्युन ने निजी कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। तोक्यो ओलिंपिक में अब एक साल से भी कम का समय बचा है और ऐसे में भारत को जल्द ही उनका विकल्प ढूंढना होगा।बुसान की रहने वाली 45 साल की किम को अपने पति रिची मेर के पास न्यू जीलैंड जाना पड़ा जिन्हें कुछ दिन पहले ‘न्यूरो स्ट्रोक’ आया था। बैडमिंटन असोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने इसी साल किम को अनुबंधित किया था और उनके मार्गदर्शन में ही सिंधु ने स्विट्जरलैंड के बासेल में वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
भारत के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने बताया, ‘यह सच है, किम ने इस्तीफा दे दिया है क्योंकि उनके पति काफी बीमार हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान उन्हें न्यूरो स्ट्रोक का सामना करना पड़ा। इसलिए वह वापस लौट गईं। उन्हें अपने पति की देखभाल करनी होगी क्योंकि इससे उबरने में चार से छह महीने का समय लगेगा।’
सिंधु ने कहा कि उनके पास अब किम के बिना आगे बढ़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। सिंधु ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किम को इस समय जाना पड़ा। उम्मीद करती हूं कि उनके पति जल्द ठीक हो जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘उनके साथ मेरे संबंध अच्छे थे और मुझे पता है कि मुझे नई शुरुआत करनी होगी लेकिन यह ऐसी चीज है जो खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होती है। मुझे और कड़ी मेहनत करनी होगी और मुझे यकीन है कि गोपी सर और बीएआई बाकी सभी चीजों का ख्याल रखेंगे।’
सिंधु के पिता पीवी रमन्ना ने कहा कि जरूर पड़ने पर सिंधु पुरुष एकल कोच पार्ट तेइ सेंग की मदद लेंगी। उन्होंने कहा, ‘किम ने पिछले कुछ महीनों में सिंधु पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया था। वह सुबह और शाम के सत्र में उसके कौशल पर काम कर रही थी।’ उन्होंने कहा, ‘अब वह जा रही हैं, हमें देखना होगा कि क्या उनकी जगह किसी और की सेवाएं ली जाएंगी? पुरुष एकल कोच पार्क तेइ सेंग भी मौजूद हैं जो अब उसे ट्रेनिंग दे सकते हैं।’
किम भारत की तीसरी विदेशी कोच हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इंडोनेशिया के जाने माने कोच मुल्यो हेंडोयो ने भी 2017 में निजी कारणों से इंडियन नैशनल बैडमिंटन टीम का साथ छोड़ दिया था। वह बाद में सिंगापुर की टीम से जुड़ गए थे। हेंडोयो ने विश्व स्तर पर भारत के पुरुष एकल खिलाड़ियों की सफलता में अहम भूमिका निभाई थी।
मलयेशिया के टेन किम हर ने भी इस साल की शुरुआत में भारतीय युगल कोच के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि उनका कार्यकाल तोक्यो ओलिंपिक तक था। बीएआई को अब जल्द ही किम का विकल्प ढूंढना होगा क्योंकि ओलिंपिक क्वॉलिफिकेशन की प्रक्रिया चल रही है और तोक्यो खेल सिर्फ 10 महीने दूर हैं। गोपीचंद ने कहा, ‘हम उनके स्थान पर किसी और को लाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यह कामचलाऊ इंतजाम होगा। हमें स्थायी हल ढूंढना होगा।’