अबू धाबी: यूएई के अपने ऐतिहासिक दौरे पर पोप फ्रांसिस ने ईश्वर के नाम पर फैलाई जा रही ‘घृणा और नफरत’ को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी हिचक के हिंसा के सभी स्वरूप की निंदा की जानी चाहिए और धर्म के नाम पर किसी भी हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता। बता दें कि कैथोलिक चर्च के मुखिया की मुस्लिम बहुल अरब प्रायद्वीप की यह पहली यात्रा है। पोप ने अबू धाबी में इस यात्रा के साथ पोप फ्रांसिस संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का दौरा करने वाले दुनिया के 1.3 अरब कैथोलिकों के पहले नेता हैं। उन्होंने मुस्लिमों से संवाद करने के अपने प्रयासों के तहत सोमवार को यूएई में विभिन्न धर्मों के लोगों की बैठक में हिस्सा लिया था। पोप फ्रांसिस ‘ब्लैक कीया’ कार में सवार होकर अबू धाबी के राष्ट्रपति के महल पहुंचे। वहां भव्य सैन्य परेड के साथ उनका स्वागत किया गया। अधिकारियों ने हवा में 21 गोलियां दागीं जबकि आकाश में जेटों ने उड़ान भरकर सफेद और पीले निशान छोड़े। यह वैटिकन शहर के ध्वज का रंग है।
शेख मोहम्मद ने कहा कि यूएई के शासक ‘सहिष्णुता से भरे हमारे देश’में पोप से मिलकर ‘खुश हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने सहयोग बढ़ाने, बातचीत को ठोस करने, सहिष्णुता, मानव सह-अस्तित्व और लोगों तथा समाज के लिए शांति, स्थिरता और विकास हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण पहल पर चर्चा की।’
अबू धाबी की धरती पर रविवार रात को कदम रखकर इतिहास बनाने वाले पोप फ्रांसिस ने कहा, ‘वह एक भाई के तौर पर आए हैं, ताकि एकसाथ वार्ता का पन्ना लिख सकें और शांति के पथ पर साथ मिलकर चल सकें।