मुंबई: आईपीएल-12 के एक मुकाबले में आर. अश्विन ने जिस तरह जोस बटलर को रन आउट किया, इस पर एक ओर जहां दुनियाभर में घमसान मचा हुआ है तो दूसरी ओर वीनू मांकड़ के बेटे राहुल ने इसे ‘मांकडिंग’ कहने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने ‘मुंबई मिरर’ से कहा, ‘रन आउट होने की यह विधा क्रिकेट के नियमों के भीतर है। ऐसा नहीं था कि मेरे पिता ने इसे पहली बार किया था, या यह बाद में नहीं किया गया था।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार थे, जिन्होंने इस शब्द (40 के दशक के दौरान) को गढ़ा था। आईसीसी के अनुसार, इस तरह के आउट को रन आउट कहा जाता है और इसे यही कहा भी जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यही उचित भी है।’ राहुल मांकड़, वीनू के एकमात्र जीवित पुत्र (अशोक और अतुल, दो अन्य बेटे थे) हैं, जिन्हें बल्लेबाजों के इस तरह आउट करने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया जाता है।
राहुल ने इस बारे में कहा, ‘मैंने इस बारे में सुनील गावसकर, चैपल भाइयों (ग्रेग और इयान) और माइकल होल्डिंग सहित कई महान क्रिकेटरों से इस बारे में बात की। उन्हें बल्लेबाज को आउट करने की इस विधा से कोई दिक्कत नहीं है।’ साथ ही उन्होंने अपने पिता का नाम बार-बार लिए जानें पर इसे दुर्भाग्पूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह किसी भी बल्लेबाज के रन आउट होने पर मेरे पिता का नाम लिया जाता है।’
उन्होंने बताया, ‘मेरे पिता को बिल ब्राउन को इस तरह आउट करने पर खेद थ। उस वक्त ब्राउन ने वॉर्निंग के बाद भी ऐसा किया और वह हो गया था। जब मैं ब्राउन से, उनके निधन से ठीक पहले, ऑस्ट्रेलिया में मिला तो उन्होंने कहा वह ठीक है। उन्होंने मुझसे कहा था कि वीनू ने जो किया था वह निमय के मुताबिक था और इस बात को लेकर उनके मन में कोई कड़वापन नहीं है। दरअसल, वे बाद में दोस्त बन गए थे और पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम मेरे पिता के साथ थी।’
अब लिस्बन में रहने वाले राहुल बताते हैं कि ब्राउन का निधन 2008 में हुआ था, जबकि भारत के लिए 44 टेस्ट खेलने वाले महान वीनू मांकड़ का निधन 1978 में 61 वर्ष की उम्र में हो गया था। अश्विन और जोस बटलर के मामले में उन्होंने कहा, ‘अश्विन ने जो किया वह नियम के तहत था। उन्होंने उस वक्त वही किया जो सही लगा।’
63 वर्षीय राहुल का यह रिऐक्शन उस घटना के बाद आया, जिसमें किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान आर. अश्विन ने आईपीएल-12 के एक मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को रन आउट कर दिया। दरसअल, राजस्थान रॉयल्स की पारी का 13वां ओवर चल रहा था। किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन गेंदबाजी कर रहे थे। यह उनका आखिरी ओवर था। इस ओवर की पांच गेंद फेंक चुके थे। आखिरी गेंद फेंकने के लिए वह क्रीज पर आए और देखा कि बटलर क्रीज से बाहर निकल रहे हैं। अश्विन ने मौके का फायदा उठाते हुए नॉन-स्ट्राइक छोर की गिल्लियां बिखेर दीं। रीप्ले में साफ हुआ कि बटलर क्रीज से बाहर थे और वह रन आउट हैं। बटलर इस फैसले से पूरी तरह नाखुश नजर आए। बटलर (69) ने 43 गेंदों की अपनी पारी में 10 चौके और 2 छक्के जड़े।
मांकडिंग के सबसे मशहूर उदाहरण वीनू मांकड द्वारा ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को रन आउट करना है। यह घटना 13 दिसंबर 1947 को हुई थी। माकंड गेंदबाजी कर रहे थे और उन्होंने ब्राउन को क्रीज से बाहर निकलने पर रन आउट कर दिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया-XI के खिलाफ उस दौरे पर दूसरी बार ब्राउन को ऐसे आउट किया था।
मांकड उस मैच में ब्राउन को आउट करने से पहले वॉर्निंग दे चुके थे। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने माकंड के व्यवहार को खेल भावना के खिलाफ बताया था। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डॉन ब्रैडमैन ने माकंड के रवैये का समर्थन किया। तब से बल्लेबाज के इस तरह आउट होने की घटना को अनौपचारिक तौर पर माकंडिंग कहा जाता है।