पलवल। सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप की अध्यक्षता में नागरिक अस्पताल पलवल में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी डॉक्टर व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे। बैठक में उन्होंने बताया कि जैसा की कोरोना बहुत ज्यादा तेजी से फैल रहा है तो सभी लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है। जैसा की पता चल रहा है कि दिल्ली और आस पास के लगते फरीदाबाद और गुरुग्राम क्षेत्र में केस बहुत तेजी से बढ़ रहे है। जिला के लोग रोज नौकरी पर आते-जाते है तो उसकी वजह से कोरोना दिल्ली से यहां तक भी फैल रहा है। ऐसे में हम सबको बहुत ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। अगर हमे घर से बाहर निकलना है तो हमे फेस मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग बहुत आवश्यक रूप से करना होगा। आपस में जागरूक रहना होगा ताकि कोरोना को आसानी से मात दे सके। सिविल सर्जन ने कहा कि अगर कोरोना हमारे घर में दस्तक दे जाता है तो हमे जरूरी एहतियात बरतने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप सिंह ने बताया कि अस्सी प्रतिशत से अधिक कोरोना मरीजों में लक्षण लगभग न के बराबर होते है और ऐसे मरीज अपने घर पर ही रहकर आसानी से ठीक हो सकते है। यदि आपके घर या पड़ोस में कोई कोरोना संक्रमित मरीज है तो घबराएं नहीं।
किसके लिए है गृह एकांतवास
जिन मरीजों के घर पर उनके लिए अलग कमरा हो तथा परिवार के अन्य सदस्यों के रहने के लिए अलग सुविधा हो। जिन मरीजों की देखभाल करने वाला व अन्य नजदीकी संपर्क में आने वाला व्यक्ति हायड्रो एंड क्लोरोक्वीन दवाई का चिकित्सकीय सलाह से सेवन कर सके। जो मरीज अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य-सेतु एप का इस्तेमाल कर सके। जो मरीज अंडरटेकिंग देने के लिए तैयार हो कि वह घर पर रहने के दौरान स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के सभी दिशानिर्देश का पालन करेंगे।
कब करें गृह एकांतवास समाप्त
लक्षण शुरू होने से 17वें दिन के बाद, जबकि पिछले दस दिन में बुखार न हुआ हो और दसवें दिन दी गई आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना रहित हो।
कब करें स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क
जब भी बुखार हो या सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द या दवाब, मानसिक असमंजस, चेहरे या होठो पर नीलिमा इत्यादि की शिकायत हो।
मरीज के लिए निर्देश
सिविल सर्जन ने बताया कि हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहने व हर आठ घंटे में इसे बदले। गीला होने पर तुरंत बदले व एक प्रतिशत सोडियम हायपोक्लोराइट घोल में धोकर निस्तारण करें। एकांतवास के अंत तक अपने कमरे में ही रहें। अपना निजी शौचालय ही इस्तमाल करें। नियमित गर्म पानी व चाय एवं पौष्टिक अथवा संतुलित भोजन ही खाएं। छींकते या खांसते समय रुमाल व कोहनी का इस्तेमाल करें। अपने हाथ नियमित रूप से साबुन-पानी या अल्कोहल युक्त सैनिटाइज़र से साफ करे। रोगी अपने कमरे में ही भोजन करे। अपने बर्तन, बिस्तर व तौलिया आदि अलग रखे। मदिरा सेवन व धुम्रपान से बचें। अपना मोबाइल फोन भी अलग रखे।
मरीज के लिए दवाईयां डॉक्टर की सलाह के बिना न ले
1. Tablet Vitamin C : Once Daily
2. Tablet B-Complex : Once Daily
3. Tablet Paracetamol : When fever / bodyache
4. Tablet Cetrizine : When Cough / Cold
5. Tablet Azithromycin : When Cough
स्व: स्वास्थ्य जांच का तरीका
हर सुबह और रात या जब कभी भी बुखार महसूस हो तो तुरंत स्वास्थ्य परीक्षण करे और थर्मामीटर से चेक करें। यदि आपके शरीर का तापमान 100 फेरेनाइट (37.8 सेल्सियस) से अधिक है या आपकी पल्स दर 100 बीट प्रति मिनट से अधिक है, तो तुरंत स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करे।
देखभाल करने वालों के लिए निर्देश
बीमार व्यक्ति के पास हो तो ट्रिपल लेयर मास्क पहने। मास्क के सामने वाले हिस्से को न छुएं। यदि स्त्राव के साथ मास्क गीला हो जाता है, तो इसे तुरंत बदले। उपयोग के बाद मास्क को त्यागे ओर मास्क के निपटान के बाद हाथों को अच्छी तरफ साफ करें। अपना चेहरा, नाक या मुंह छुने से बचें। बीमार व्यक्ति या उसके तात्कालिक के संपर्क के बाद कम से कम 40 सैकेड तक हाथ धोने चाहिए। खाना बनाने, खाने व शौचालय जाने से पहले व बाद में हाथ अच्छी तरफ से साबुन व पानी से साफ करे। हाथ सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर तौलिए का उपयोग कर या साफ तौलिए का प्रयोग करें व गीला होने के बाद तौलिए को बदल दे। रोगी को संभालते समय डिस्पोजेबल दस्ताने का उपयोग करे। दस्ताने हटाने से पहले व बाद में हाथ की सफाई करें। रोगी के बर्तन को दस्ताने पहन कर साबुन, डिटर्जेंट व पानी से साफ करें। देखभाल करने वाला सुनिश्चित करेगा कि रोगी निर्धारित उपचार का पालन कर रहा है अथवा नहीं। कोविड मरीज के पडोसियों के लिए निर्देश सीढियों और लिफ्ट बटन अथवा हाथ की रेलिंग आदि अक्सर छुए जाने वाले स्थानों पर विशेष ध्यान दे। उन्हें सीधे छुने से बचें। जहां तक संभव हो होम आइसोलेशन के मरीज से समय-समय पर फोन पर बात करके उनका मनोबल बढाते रहें। मरीज से उचित दूरी बनाए रखे और ध्यान दें कि बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से मरीजों से दूरी बनाए रखे। याद रखे, लडाई बीमारी के खिलाफ है, बीमार से नहीं। रोगी या उनके परिवार के सदस्यों के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी का कारण न बने। मरीज की तब तक मदद करे जब तक कि वे ठीक न हो जाएं। यदि उन्हें किसी आवश्यक वस्तु जैसे दवा, राशन, सब्जी आदि की आवश्यकता होती है, तो उनके घर के दरवाजे के बाहर वस्तुओं को छोडकर उनकी मदद करें। किसी भी सहायता के लिए पलवल जिले की हेल्पलाइन नंबर- 1950, 100, 108, 7027840481, 01275-240022 पर संपर्क करें