फरीदाबाद: हरियाणा सरकार भू माफियाओं, बिल्डरों के हांथों बिक गई है और इस सरकार ने लगभग एक करोड़ लोगों की जंदगी से बड़ी खिलवाड़ की है। दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम के लगभग एक करोड़ लोगों का कवच कही जाने वाली अरावली को बिल्डरों माफियाओं के हांथों बेंचकर खट्टर सरकार ने बहुत ही गलत काम किया है। ये कहना है बार एशोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पाराशर का जिन्होंने कहा कि पीएलपीए यानी पंजाब भू-परिरक्षण में सरकार ने जो संशोधन किया है वो गलत है और मैं इसी हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर करूंगा। उन्होंने कहा कि इस सरकार को एक बाबा और भूमाफियाओं ने मिलकर खरीद लिया है। बाबा ने भी सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी है।
आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने अंग्रेजों के 120 साल पुराने कानून को भी बदल दिया है। पीएलपीए यानी पंजाब भू-परिरक्षण (हरियाणा संशोधन) विधयेक-2019 को विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद विधानसभा ने पास कर दिया। कानून में हुए संशोधन के बाद अब अरावली फोरेस्ट रेंज में भी निर्माण कार्य हो सकेंगे। यही नहीं, यह कानून शिवालिक की पहाड़ियों में भी लागू होगा। फरीदाबाद की एक कालोनी और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के एक सेक्टर से जुड़े सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद यह संशोधन किया गया है।
पराशर ने हरियाणा सरकार पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अरावली की पहाड़ियां दुनिया की सबसे पुरानी रेंज है। विधेयक में संशोधन के बाद ईको सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। एनसीआर में पहले से ही अधिक प्रदूषण है और अब अरावली में निर्माण होने से हालात और बिगड़ेंगे। इस बदलाव के नतीजे विस्फोटक होंगे और आने वाली पुश्तें हमें माफ नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए तो था कि फोरेस्ट एरिया बढ़़ाती, लेकिन वह बिल्डरों के हाथों में खेलते हुए इसे और कम करने पर तूली है।
पाराशर ने कहा कि खट्टर को मैं ईमानदार मुख्यमंत्री समझता था लेकिन अब मैं उन्हें सबसे खराब मुख्य्मंत्री समझ रहा हूँ और उन्होंने अरावली को बिल्डरों के हांथों बेंचकर जो किया बहुत बुरा किया है और अब मैं उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा रहा हूँ और अरावली को माफियाओं के हांथों लुटने से बचाने का प्रयास करूंगा। पराशर ने कहा कि इसके लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट का बड़ा से बड़ा वकील करना पड़े तो मैं करूंगा लेकिन खट्टर सरकार को छोडूंगा नहीं।