नई दिल्ली: अप्रैल के बाद ईरान से तेल आयात जारी रखने वाले देशों पर पाबंदी की अमेरिकी धमकी के बीच भारत ने कहा है कि वह अपनी कच्चे तेल की भरपाई बड़े तेल उत्पादक देशों से आयात बढ़ाकर करेगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर ईरान से तेल आयात रुकने पर होने वाली कमी की भरपाई की योजना बताई। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सरकार ने भारतीय रिफाइनरियों को पर्याप्त मात्रा में कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी योजना बनाई है। दूसरे बड़े तेल उत्पादक देशों से अतिरिक्त आपूर्ति होगी। भारतीय रिफाइनरियां देश में पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की मांग पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’छह महीने की थी छूट
दरअसल, अमेरिका ने भारत समेत आठ देशों को छह महीने तक ईरान से सीमित मात्रा में तेल आयात की छूट दी थी। इनमें ज्यादातर एशियाई देश हैं। लेकिन, सोमवार अमेरिका ने भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, तुर्की आदि देशों को 1 मई से ईरान से तेल आयात रोकने को कहा । इस खबर पर भारतीय शेयर बाजार में खलबली मच गई और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 495 अंक टूट कर बंद हुआ।
अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि ईरान से तेल आपूर्ति घटने की स्थिति में सऊदी अरब और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के अन्य सदस्यों को ज्यादा उत्पादन करना होगा। दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक सऊदी अरब ने कहा कि वह कच्चे तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दूसरे तेल उत्पादकों के साथ तालमेल करेगा।
वैसे भारत ने पाबंदी की पूर्वनिर्धारित मियाद के मद्देनजर ओपेक, मेक्सिको और अमेरिका से तेल आयात पहले से बढ़ा रखा है ताकि ईरान से आयात रुकने पर कमी की भरपाई हो सके। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक होने के साथ-साथ ईरानी तेल का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक है। हालांकि, नवंबर में जब अमेरिका ने ईरान से तेल आयात पर पाबंदी लागू की तो भारत को ईरान से अपना आयात घटाकर आधा करना पड़ा। नवंबर में अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को छह महीने के लिए सीमित छूट दी थी, जिसमें भारत भी शामिल है।