नई दिल्ली: भारत ने कुछ इस्पात उत्पादों पर रक्षोपाय शुल्क लगाने की यूरोपीय संघ (ईयू) की पहल के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तत्वाधान में 28 देशों के इस ब्लॉक के साथ विचार विमर्श की अपील की है। भारत डब्ल्यूटीओ के रक्षोपाय समझौते के तहत यह विचार विमर्श करना चाहता है।
अमेरिका द्वारा कुछ इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर सीमा शुल्क काफी ऊंचा किए जाने के बाद यूरोपीय संघ ने भी पिछले साल जुलाई में अपने उद्योग के हितों की रक्षा को रक्षोपाय शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था। डब्ल्यूटीओ ने कहा है, ‘‘भारत का संबंधित उत्पादों के निर्यातक के रूप में महत्वपूर्ण हित हैं।
ऐसे में भारत ने रक्षोपाय समझौते के तहत बातचीत का अनुरोध किया है।’’ एक विशेषज्ञ के मुताबिक रक्षोपाय समिति से विचार विमर्श का अर्थ यह है कि आप अन्य देश को यह बता रहे हैं कि वे वैश्विक व्यापार नियमों की प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं कर रहे हैं।
डब्ल्यूटीओ जिनेवा स्थित 164 देशों का संगठन है जो वैश्विक स्तर पर आयात और निर्यात के नियम तय करता है। भारत यूरोपीय संघ के इस कदम से चिंतित है क्योंकि वह अपने कुल इस्पात उत्पादन का छह प्रतिशत इटली को निर्यात करता है। उल्लेखनीय है कि इटली यूरोपीय संघ का सदस्य है