मैं चाहती हूं कि लड़कियां अपनी ताकत को पहचाने:कविता देवी

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नई दिल्ली:वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट यानी WWE में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला रेसलर कविता देवी कहती हैं कि वह भले ही रिंग के अंदर लड़ती हैं, लेकिन उनका इरादा उन महिलाओं में लड़ने का जज्बा भरना है, जो बरसों से अत्याचार सहन करते आ रही हैं।

हरियाणा के जिंद की रहने वाली कविता पहले वेटलिफ्टर थीं और उन्होंने भारत के लिए साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड भी जीता, लेकिन फिर उनका दिल रेसलिंग से लग गया और वह आज दुनिया भर में सूट पहनकर रिंग में उतरने वाली 32 वर्षीय फाइटर ने कहा, ‘मैं भी ऐसे खेल में आई हूं जहां अभी तक महिलाएं छोटे-छोटे कपड़ों में ही लड़ा करती थीं, लेकिन मैंने इस धारणा को तोड़ा कि यहां सिर्फ छोटे कपड़े ही पहनकर लड़ सकते हैं। मैंने सूट इसलिए पहना ताकि बाकी लड़कियों को कपड़ों को लेक हिचक ना हो। मैं अपनी संस्कृति को भी दर्शाना चाहती थी।’नाम-शोहरत कमा रही हैं।

 

कविता कहती हैं, ‘सामान्य तौर पर देखें तो मैं रिंग के अंदर फाइट करती हूं, लेकिन आप मेरी अगर मेरी नजरों से देखें तो मैं उन भारतीय महिलाओं का विश्वास हूं जो अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करना चाहती हैं लेकिन समाज व परिवार की बदिंशों की वजह से वह अपने पंख नहीं खोल पाती हैं। मैं चाहती हूं कि लड़कियां अपनी ताकत को पहचानें।’

 

अगले साल मुंबई में होने जा रहे WWE ट्रायल्स को लेकर कविता ने कहा, ‘मुझे दुबई जाना पड़ा था। भारत में पहली बार WWE का ट्रायल हो रहा है जो यहां के युवाओं को लिए बेहतरीन मौका है।’

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