ओसामा के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई पर मैंने शर्मिंदगी महसूस की थी: इमरान खान

0
398

 

वॉशिंगटन: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जब अमेरिकी सुरक्षा बलों ने अल-कायदा के सरगना और मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को 2011 में पाक के अंदर एक साहसिक कार्रवाई में मार गिराया, तब उन्हें इस घटना से बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई थी। इमरान इस समय बतौर पीएम पहले अमेरिका दौरे पर हैं। बता दें कि 2 मई 2011 को यूएस नेवी सील की टीम ने एक खुफिया मिशन के दौरान ऐबटाबाद के पास ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया था।यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) में अपने संबोधन में खान ने कहा कि ओसामा बिन लादेन के मुद्दे पर अमेरिका पाकिस्तान पर विश्वास नहीं करता था। खान ने कहा, ‘मैं आपको बता दूं कि जब ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिक पाकिस्तान से निकालकर ले गए, तब मुझे बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई थी।’ एक सवाल के जवाब में खान ने कहा, ‘मैंने इतनी शर्मिंदगी कभी महसूस नहीं की थी, क्योंकि एक ऐसा देश जिसे हम अपना सहयोगी मानते हैं वह हम पर यकीन ही नहीं करता है।’

इससे पहले पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को पहले से ओसामा के ठिकाने का पता था और उसी ने अमेरिका को इसकी जानकारी दी थी।

इमरान ने सोमावार को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने CIA को वह खुफिया जानकारी मुहैया करवाई थी, जिससे पाकिस्तान में अमेरिका को अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन का पता लगाने और उसे मार गिराने में मदद मिली।’ दरअसल, उनसे यह सवाल किया गया कि क्या उनका देश जेल में कैद पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी को रिहा करेगा जिन्होंने ओसामा का पता लगाने में सीआईए की मदद की थी।

खान का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान ओसामा के ठिकाने के बारे में कोई भी जानकारी होने से तब तक इनकार करता रहा था, जब तक कि दो मई 2011 को इस्लामाबाद के छावनी नगर ऐबटाबाद में यूएस नेवी सील की टीम ने एक अभियान में उसे मार नहीं गिराया। खान ने कहा, ‘वह ISI थी जिसने वह सूचना दी थी जिससे ओसामा बिन लादेन के ठिकाने का पता चला था। अगर आप सीआईए से पूछें तो वह आईएसआई थी जिसने फोन पर शुरुआती स्थान के बारे में जानकारी दी।’

खान ने कहा, “यहां हम अमेरिका के सहयोगी बने हुए थे और अमेरिका ने हम पर भरोसा नहीं किया। बल्कि, वे हमारी सीमा में घुसे और बम गिराए तथा एक व्यक्ति की हत्या कर दी।” यह कहे जाने पर कि ओसामा एक व्यक्ति नहीं बल्कि 3,000 से ज्यादा अमेरिकियों की हत्या करने वाला आतंकवादी था, खान ने कहा कि पाकिस्तान ने इस लड़ाई (आतंकवाद के खिलाफ) में 70,000 लोग खोए हैं।

खान ने कहा, “हम अमेरिका के लिए यह लड़ाई लड़ रहे थे और हमने इस लड़ाई के लिए लड़ते हुए इन सारे लोगों को खोया। इसलिए निश्चित तौर पर जिस तरह से चीजें की गईं उसे लेकर गुस्सा था। लेकिन ये सब पहले की बात है।” उनसे जब यह कहा गया, “आप प्रधानमंत्री हैं, आप फैसला ले सकते हैं।” इस पर खान ने कहा, “लोकतंत्र में कुछ ऐसे फैसले होते हैं जिसे लेना प्रधानमंत्री के लिए भी मुश्किल होता है क्योंकि हमारे पास विपक्ष भी होता है। लेकिन यह कुछ ऐसा है कि जिस पर समय बीतने के साथ बात की जा सकती है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here