पलवल, 19 नवंबर।हरियाणा प्रदेश की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए किए गए प्रबंधों के संदर्भ में मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए कि हर सूरत में फसल अवशेष को जलाने से रोका जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की हर हाल में पालना सुनिश्चित की जाए तथा सभी आवश्यक कदम उठाए जाए। केशनी आनंद अरोड़ा ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे पराली को जलाने से रोकने संबंधी की गई कार्यवाही का एक्टिव फायर लोकेशन का सम्पूर्ण विवरण निरंतर उन्हें उपलब्ध करवाया जाए। पराली जलाने की घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। इसलिए आगजनी की इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेवारी और अधिक बढ़ जाती है।
लघु सचिवालय में वीडियो कॉन्फे्रस के पश्चात उपायुक्त यशपाल ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए संबंधित अधिकारी जिरो टोलरेंस पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के दौरान कोई भी किसान फसल अवशेषों को खेतों में ना जलाएं इसके लिए पहले से ही रूपरेखा तैयार की जाए और किसानों को नई तकनीकी अपनाने के लिए प्रेरित करें।विडियों कांफ्रेंस के दौरान कृषि विभाग के पलवल के उप कृषि निदेशक डॉ. महावीर सिंह, डी ओ सतेन्द्र ओला, एएई डॉ. राजीव चावला, एपीओ रवि सैनी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।