हरियाणा सरकार की अनूठी पहल ने नहीं होने दी बच्चों की पढ़ाई बाधित

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पलवल, । कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भले ही स्कूलों में विद्याॢथयों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए शैक्षणिक गतिविधियां रोक दी गई लेकिन नए सत्र 2020-21 की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए सरकार ने अनूठी पहल की है। स्थानीय केबल नेटवर्क के माध्यम से हरियाणा एजुसेट के चार चैनलों का प्रसारण आरंभ किया गया वहीं स्कूलों में कक्षावार वाट्सएप ग्रुप बनाकर विद्याॢथयों तक स्टडी मैटीरियल पहुंचाया गया। हरियाणा सरकार की इस पहल को एकतरफा न बनाकर बल्कि बहुआयामी बनाया गया जिसके चलते न केवल पढ़ाई बल्कि परोपर फीडबैक मैकेनिज्म तैयार किया गया साथ ही बच्चों को दैनिक आधार पर गृह कार्य भी दिया जा रहा है। पलवल जिला के 603 सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 37456 विद्यार्थी इस प्रयास का लाभ उठा रहे हैं।
उपायुक्त नरेश नरवाल ने केबल नेटवर्क के माध्यम से एजुसेट चैनलों के प्रसारण व वाट्सएप के प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा विकास की धुरी है, ऐसे में यह धुरी निरंतर विकासशील रहे इसके लिए नए शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की शिक्षा निर्बाध रूप से हरियाणा सरकार की ओर से जारी रखी जा रही है। कोविड-19 के तहत चल रहे लॉकडाउन में शिक्षा प्रणाली बाधित न हो और पलवल जिला के विद्यार्थी अपनी सक्षमता को कायम रखें इसके लिए पूरी रूपेरखा के साथ घर से पढ़ाओ अभियान के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के फैलाव के इस कठिन समय में शिक्षा विभाग पलवल अपने अथक प्रयासों से विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रखने को प्रयासरत है। शिक्षा विभाग के अभियान घर से पढ़ाओ को मूर्त रूप देने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है और इसके लिए पलवल जिला के अध्यापकों और मेंटरस को निश्चित दिशा निर्देश विभाग की ओर से जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं बच्चों को ई लर्निंग माध्यम से शिक्षा प्रदान करते हुए समय समय पर वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से फीडबैक भी लिया जा रहा है।
विभिन्न आधुनिक प्लेटफार्म से बच्चों को दी जा रही है शिक्षा
जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल का कहना है कि सभी अध्यापकों के लिए ये जरूरी किया गया है कि वे प्रतिदिन के आधार पर कराए गए काम को अपनी डायरी में नोट रखेंगें। साथ ही लॉकडाउन की इस परिस्थिति में विद्यार्थियों के लिए कई प्रकार के प्लेटफार्म पर कार्य करवाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें मुख्य रूप से वाट्सएप्प के माध्यम से अध्यापक द्वारा अपने विषय और कक्षानुसार पाठ योजना और गृह कार्य भेजना, विद्यार्थियों के भेजे गए गृह कार्य को जांचना और विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करते हुए उनकी विषय संबंधी समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने बताया कि अध्यापकों द्वारा अपने विषय की विडियो बनाकर भी बच्चों से सांझा की जा रही है। सभी बीईओ को खण्ड स्तर पर नोडल अधिकारी बनाया गया है। स्थानीय केबल नेटवर्क पर हरियाणा एजुसेट के विभिन्न चैनल 146,147,148 व 149 पर प्राइमरी, मिडिल, सैकेंडरी व हायर एजुकेशन के सिलेबस के अनुसार कार्यक्रम प्रसारित हो रहे है। खण्डवार ऑनलाइन स्टडी की डेली रिपोर्ट भी ली जा रही है।
कक्षावार ग्रुप बनाकर विद्याॢथयों तक पहुंच रही उपयोगी अध्ययन सामग्री
जिला विज्ञान विशेषज्ञ राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों को दिशा एप, संपर्क बैठक, ई-पाठशाला, स्वयम पोर्टल के माध्यम से भी अध्यापन कार्य करवाया जा रहा है। पलवल जिला में पहली से पांचवी तक 21178, छठी से आठवीं तक 10399, नवीं व दसवीं के 4156 तथा 11वीं-12वीं के 1723 विद्यार्थी प्रतिदिन ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ उठा रहे हैं। सक्षम सैल हरियाणा की तरफ से भी प्रतिदिन कक्षावार वीडियो लिंक और अभ्यास वर्कशीट भेजी जाती है जिनको संबंधित विद्यार्थियों तक आधुनिक सोशल तकनीक से पहुंचाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उत्कर्ष सोसाइटी शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा कक्षा एवं विषयवार कार्यक्रमों का प्रसारण टेलीविजन चैनल्स पर भी निरंतर हो रहा है। विद्यर्थियों को इनके माध्यम से भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
घर बैठे पढ़ाई से बच्चों की खुशी का भी नहीं ठिकाना
लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर न निकलने के चलते बच्चों को बोरियत महसूस हो रही थी लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों को भी घर बैठे अपना सिलेबस पूरा करने का अवसर मिल गया। होडल खण्ड के गांव दीघौट में राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पांचवी कक्षा की छात्रा खुशी, राप्रापा चार नंबर में दूसरी कक्षा की छात्रा इशिका ने बताया कि पापा के मोबाइल व टीवी पर आने वाले कार्यक्रम से नई कक्षा की पढ़ाई आरंभ हो चुकी है। घर बैठे पढ़ाई करने से अब छुट्टियों की बोरियत भी कम होने लगी है। वहीं दीघौट स्कूल की शिक्षिका मीना कुमारी ने बताया कि ऑनलाइन तरीके से बच्चे पढ़ाई में रूचि ले रहे तथा कक्षा के सिलेबस के अनुरूप बच्चों को अध्ययन कराया जा रहा है। साथ ही मल्टीमीडिया सिस्टम से पढ़ाई कर बच्चों के नॉलेज में भी बढ़ोतरी हो रही है।

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