फरीदाबाद: नगर निगम अधिकारियों में भ्रष्टाचार व भेदभाव कूट- कूट कर भरा है और ये अवैध निर्माणों को तोड़ने में बड़ा भेदभाव करते है। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का। उन्होंने कहा कि निगम अधिकारी किसी सत्ताधारी या माफिया के अवैध निर्माण को ढहाना तो दूर उस तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखते, जबकि कोई गरीब यदि छोटा सा आशियाना भी बनाता है तो निगम अधिकारी उसे चंद मिनटों में ही तोड डालते है। वकील पाराशर ने कहा कि अगर निगम अधिकारियों पर तोड़फोड़ का दबाव आता है तो बड़े माफियाओं की कोई एक दीवार तोड़कर चले आते हैं।
पाराशर ने कहा कि वह निगम अधिकारियों के संज्ञान में कई बार बल्लबगढ़ के ऐतिहासिक मटियामहल की जमीन का मामला ला चुके है। किंतु अधिकारियों की मिलीभगत के चलते वहां पर अब भी अवैध निर्माण जारी है। यहां पर बनी जिस मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को 31जनवरी 2019 को तत्कालीन निगम कमिश्नर अनीता यादव ने धराशायी करा कर सील करा दिया था। उस बिल्डिंग की भी सीलिंग को तोड़कर वहां जोर शोर से निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि ये अवैध निर्माण एक बडे नेता व भूमाफियाओं का बताया जा रहा है। इसलिए निगम अधिकारी इसे तोड़ने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे है। उन्होंने कहा कि मटियामहल को लेकर मैंने पिछले महीने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी और फरीदाबाद के कई अधिकारियों को पार्टी बनाया था। जल्द इस मामले की सुनवाई होने वाली है और जब तक मटियामहल का अवैध निर्माण नहीं ढहाया जायेगा तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा।
उन्होंने कहा कि मटियामहल शहीद राजा नाहर सिंह ने अपनी रानी के लिए बनवाया था और ये जगह सरकारी रिकॉर्ड में अब भी उनके परिजनों के नाम है। इसलिए यहाँ राजा नाहर सिंह से जुड़ा कोई संग्रहालय या उनके नाम से कोई अस्पताल या स्कूल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि लगभग 800 गज जमीन में कोई भी बड़ा स्कूल, अस्पताल बन सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा किया जायेगा तो शहीद राजा नाहर सिंह का इतिहास सदियों तक जीवित रहेगा।