पैरिस :पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों मेंबढ़ोतरी की वजह से हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद फ्रांसीसी सरकार ने पेट्रोलियम टैक्स और कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला टाल दिया है। इस फैसले के ज़रिए सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे लोगों को शांत करने की कोशिश की गई। हालांकि, प्रदर्शन करने वाले लोग अपने विरोध को ‘पहला कदम’ बता रहे हैं और पेट्रोलियम की बढ़ी कीमतों का विरोध जारी रखने की बात कह रहे हैं। फ्रांस के प्रधानमंत्री एडुआर फिलीप ने जनवरी में पेट्रोलियम कीमतों में जो बढ़ोतरी की जानी थी, उसे गर्मियों तक के लिए टाल दिया गया है। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रॉं की सरकार के इस बड़े यू-टर्न को लोगों को शांत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इससे तीन सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री फिलीप ने ज़ोर देकर कहा था कि सरकार इस मामले में अपना रुख नहीं बदलेगी
फ्रांस में पेट्रोलियम कीमतों में बढ़ोतरी से नाराज़ लोग पीले कपड़ों में प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्होंने हाइवे के पास कई पेट्रोल पंप ब्लॉक कर दिए और एक ऐसे टोल बूथ को भी कब्ज़ा लिया, जहां से वाहन मुफ्त में गुज़रते थे। इन्होंने सड़क के किनारे एक बोर्ड लगाया, जिस पर लिखा था, ‘मैक्रॉं तानाशाह।’ एक प्रदर्शनकारी गुट का नेतृत्व कर रहे बेंजमिन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘यह पहला कदम है, लेकिन हम लोग किसी झुनझुने से खुश नहीं होंगे।’
इन्हीं हालात के मद्देनज़र प्रधानमंत्री फिलीप ने कहा, ‘यह हिंसा बंद होनी चाहिए।’ फिलीप ने सोमवार को देश की कई बड़ी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से इस समस्या के सिलसिले में बात की और राष्ट्रपति मैक्रॉं ने भी सर्बिया का अपना दो दिन का दौरा रद्द कर दिया। मैक्रॉं को मई 2017 में राष्ट्रपति चुना गया था, जिसके बाद से यह उनके सामने अब तक आया सबसे बड़ा संकट है।
फ्रांस के एक तटीय शहर में कुछ छात्र एक हाईस्कूल के बाहर पुलिस से भिड़ गए। इसके बाद फ्रांस के शिक्षामंत्री ने बताया कि पूरे फ्रांस में करीब 100 हाईस्कूल छात्रों ने या तो ब्लॉक कर दिए या उनका काम बाधित किया। अभी के हालात यही इशारा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में पैरिस में यह विरोध प्रदर्शन ज़ोर पकड़ सकता है। इस विरोध प्रदर्शन में पिछले सप्ताह तक पैरिस में 130 लोग घायल हो गए थे और 412 लोग गिरफ्तार किए गए थे। दुकानें लूटी गई थीं और कारों में आग लगा दी गई थी।