मुंबई : आईसीआईसीआई बैंक-विडियोकॉन से जुड़े लोन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ऐक्शन में है। छापेमारी के बाद अब ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को पूछताछ के लिए अपने मुंबई वाले दफ्तर बुलाया। दोपहर को चंदा अपने पति दीपक कोचर के साथ ईडी दफ्तर पहुंचीं। इससे पहले शुक्रवार को दोनों के कुछ ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। ईडी द्वारा दोनों के मुंबई और औरंगाबाद में स्थित 4 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। कार्रवाई के बीच ईडी ने कहा था, ‘धनशोधन रोकथाम कानून (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) के प्रावधानों के तहत मुंबई में कोचर और औरंगाबाद में धूत के परिसरों की तलाशी की गई है।’ ईडी ने इस महीने की शुरुआत में कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धुत एवं अन्य के खिलाफ के मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
मामला विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपये के लोन का है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।
ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया।