नई दिल्ली:सरकार किराना दुकानों और रेस्तरां खोलने के लिए लिए जाने वाले अप्रूवल की संख्या को घटाने पर विचार कर रही है। बता दें कि लाल फीताशाही को कम करने के लिए सरकार से सिंगल-विंडो सिस्टम लागू करने की मांग की जा रही है ताकि आम लोगों के लिए कारोबार शुरू करना आसान हो सके।मौजूदा समय में एक किराना स्टोर को खोलने के लिए 28 क्लियरेंस की जरूरत होती है- इनमें जीएसटी रजिस्ट्रेशन से लेकर शॉप्स ऐंड ऐस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट के तहत लाइसेंस लेने के साथ-साथ वेट ऐंड मेजर डिपार्टमेंट से कीटनाशक और दूसरी चीजों के लिए अनुमति लेनी होती है। इसी तरह, एक ढाबा या रेस्तरां के लिए करीब 17 अप्रूवल की जरूरत होती है। इनमें फायर के लिए नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट, निगम से क्लियरेंस और म्यूजिक प्ले करने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। इसके अलावा फूड रेगुलेटर से भी क्लियरेंस की जरूरत होती है जो हाइपर-लोकल हो सकता है और यह अलग-अलग शहर के हिसाब से अलग हो सकता है।
नैशनल रेस्ट्रॉन्ट्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने पुराने कानून के प्रचलन का हवाला देते हुए कहा कि रेस्तरां मालिकों के लिए यह एक रुकावट है। उदाहरण के लिए, एक सबवे रेस्तरां को राजधानी में एक सैंडविच बेचने के लिए पुलिस को करीब 24 दस्तावेज जमा कराने होते हैं, जबकि एक हथियार को सरकारी नियमों से खरीदने के लिए सिर्फ 13 डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है।
एक सराकरी अधिकारी ने बताया कि किराने की दुकान खोलने के लिए बहुत सारे नियम व शर्ते हैं और अब इन्हें घटाने पर विचार हो रहा है। इसके अलावा, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐंड रिटेल ट्रेड (DPIIT) लाइसेंस रिन्यू करने की प्रक्रिया खत्म करने पर भी विचार कर रहा है। ऐसा करने का मकसद छोटे कारोबारियों को उनकी दुकानें और रेस्ट्रॉन्ट्स चलाने में मदद करना है ताकि उन्हें बार-बार सरकारी कार्यालयों में इन्सपेक्टर्स के आगे-पीछे चक्कर न काटने पड़े।
NRAI के प्रेजिडेंट और द बीयर कैफे के फाउंडर व सीईओ राहुल सिंह का कहना है, ‘सरकार की तरफ से उठाया जाने वाला यह एक बढ़िया कदम है। क्या हमें राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल रीके से बिजनस के तरीके से रेस्तरां के लिए एक यूनिफॉर्म कोड मिल सकता है? फिलहाल, हमें पूरे दिन सर्फ फोटोकॉपी ही मिलती रहती हैं। न केवल हर राज्य बल्कि हर शहर और इसके अलग-अलग निगमों में रेस्ट्रॉन्ट्स के लिए अलग नियम हैं। हर शहर में आग फायर डिपार्टमेंट से क्लियरेंस की जरूरत होती है, लेकिन रेस्तरां के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट से क्लियरेंस लेने का क्या मतलब है?’
हाल ही में वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ इंडस्ट्री प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया गया था। DPIIT ने इस सेक्टर के लिए जरूरी चीजों पर काम करना शुरू कर दिया है।