फरीदाबाद : डी. ए. वी. शताब्दी महाविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के द्वारा महात्मा गांधी जी के जन्मदिन की 150 वी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य पर संगोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। अर्थशास्त्र विभाग और प्लानिंग फोरम ने नेशनल गांँधी म्यूजियम, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘गांँधीवादी विचारधारा’’ विषय पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नेशनल गांधी म्यूजियम, नई दिल्ली के निर्देशक ए. अन्नामलाई, नियामक मंडल (गवर्निंग बाॅडी) के सदस्य संजोय सिंघा और संग्रहालय अभिरक्षक (कूरेटर) अंसारी अली जी क्रमश : मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में उपस्थित थे। मुख्य अतिथि महोदय ए. अन्नामलाई जी ने अपने वक्तव्य में ‘‘गांँधी जी की खूबी अहिंसा’’ पर चर्चा करते हुए एक चलचित्र (मूवी) का भी प्रस्तुतीकरण किया। उन्होनें वर्तमान समय में गांँधी जी द्वारा बताये गये शांति और अहिंसा के पाठ की महत्ता पर जोर दिया और विद्यार्थियों को उनका अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया। संजोय सिंघा और अंसारी अली ने साम्प्रदायिक सामंजस्य (कम्यूनल हारमोनी) एंव संरक्षकता विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। परिचर्चा में बताये गये गांँधी जी के द्वारा कहे गये शब्दों ‘‘ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती, वह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।’’ एवं ‘‘व्यक्ति अपने अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है। वह जो सोचता है, बन जाता है।’’ ने छात्रों में अहिंसा का पालन करते हुए और प्रेमपूर्वक कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति प्रज्जवलित की। काॅलेज प्राचार्य डा. सतीष आहूजा जी ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने शब्दों में कहा कि इस प्रकार की परिचर्चा सें न केवल अर्थशस्त्र, बल्कि राजनीति विज्ञान, भूगोल, हिन्दी, संस्कृत एवं सभी अन्य विषयों के छात्र लाभन्वित होगें।
उन्होेनें कला विभाग की डीन डा. सविता भगत को इस प्रकार के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और परिचर्चा की प्रशंशा की। संगोष्ठी में सभी विभागों के वरिष्ठ प्रोफेसर अध्यक्ष एवं डीन उपस्थित थे। डा. सुनीति आहूजा, डा.अरूण भगत, डा. डी.पी.वैद्य,डा. दिव्या त्रिपाठी, डा. शिवानी, मुकेष बंसल आदि अनेक बुद्विजीवीगण संगोष्ठी में उपस्थित थे। डा. डी. पी.वैद्य ने अंत में ‘‘वोट ऑफ़ थैंक्स’’ देते हुए सभी का आभार व्यक्त किया।