तालिबान से झगड़े को सुलझाने की दिशा में अमेरिका कदम उठा सकता है

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वॉशिंगटन: अमेरिका तालिबान के साथ शुरुआती शांति समझौते के तहत अफगानिस्तान से अपने 5000 से अधिक सौनिकों को वापस बुलाने की तैयारी कर रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई लेकिन वाइट हाउस ने इस रिपोर्ट पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। बाद में, अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया और कहा कि अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी परिस्थितियों पर आधारित है।

रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती समझौते के तहत तालिबान को अफगानिस्तान सरकार के साथ एक बड़े शांति समझौते पर सीधे वार्ता आरंभ करनी होगी। हालांकि पेंटागन ने एक प्रवक्ता ने इस बात से इनकार करते हुए ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ से कहा कि रक्षा मंत्रालय को अफगानिस्तान से बलों की वापसी का आदेश नहीं दिया गया है।

विदेश मंत्रालय ने एक प्रवक्ता ने ‘रेजॉल्यूट सपॉर्ट या रक्षा मंत्रालय ही इस मामले पर अधिक अधिकार से बात कर सकता है। हमने अफगानिस्तान सरकार या तालिबान के साथ हमारी वार्ताओं के संदर्भ में वहां हमारे रक्षा बलों को संख्या में बदलाव नहीं किया है।’ उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में सैनिकों की संख्या में बदलाव परिस्थितियों के आधार पर किया गया है और आगे भी ऐसा ही होगा।

उधर अलकायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन के बेटे के मारे जाने की भी खबर है हालांकि ट्रंप ने इसपर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हमजा को अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा था। जानकारों के मुताबिक वह भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बॉर्डर पर ही छिपा था। उसने कई बार ऑडियो जारी करके अमेरिका से बदला लेने की बात कही थी।

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