ऐमजॉन छोटे विक्रेताओं को अपने प्लैटफॉर्म पर करेगी रजिस्टर

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नई दिल्ली:  अमेरिकी कंपनी ऐमजॉन अपनी रिटेल स्ट्रैटेजी के तहत किराना बाजार में कदम रखने की तैयारी कर रही है। रिलायंस रिटेल पहले से अपने मल्टी-चैनल प्लान ‘न्यू-कॉमर्स’ के तहत ऐसी लाखों दुकानों को अपने साथ जोड़ने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, ऐमजॉन छोटे स्तर पर इसके लिए योजना बना रही है। वह हजारों किराना स्टोर्स को अपने साथ समझौता करना चाहती है ताकि वे इसके प्लैटफॉर्म के जरिए सामान बेचें।

इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि ऐमजॉन पहले फोन बेचने वाले छोटे विक्रेताओं को अपने प्लैटफॉर्म पर रजिस्टर करेगी और बाद में वह ऐप से अन्य विक्रेताओं को जोड़कर खाने के सामान से लेकर सामान्य मर्चेंडाइज की बिक्री भी करेगी। ऐमजॉन ने बेंगलुरु की स्टार्टअप कंपनी शॉपएक्स के साथ साझेदारी की है। शॉपएक्स किराना स्टोर्स को बड़े रिटेलर्स और एफएमसीजी कंपनियों से डिजिटल तरीके से जोड़ती है।

ऐमजॉन के प्रवक्ता ने एक ईमेल में कहा, ‘हमने ऐमजॉनईजी, आई हैव स्पेस, सर्विस पार्टनर प्रोग्राम सहित कई अन्य कदमों से किराना स्टोर सहित छोटे और मझोले कारोबारियों की मदद की है।’ उन्होंने कहा, ‘इस ईकोसिस्टम में हम लगातार इनोवेशन कर रहे हैं। हमें अभी कोई नई घोषणा नहीं करनी है।’ उन्होंने शॉपएक्स के साथ पार्टनरशिप या कंपनी की योजनाओं से जुड़े सवालों के जवाब नहीं दिए। शॉपएक्स के प्रवक्ता ने कॉमेंट करने से मना कर दिया।

प्रॉडक्ट्स बेचने के लिए मुहल्लों के छोटे स्टोर्स को अपने साथ जोड़ने का कदम उठाने वाली ऐमजॉन पहली कंपनी नहीं है। ईटी ने इससे पहले मई में खबर दी थी कि फ्लिपकार्ट तेलंगाना में एक पायलट प्रॉजेक्ट चला रही है, जिसके तहत करीब 800 छोटे दुकानदारों से पार्टनरशिप कर उन्हें कंपनी के ऐप से मोबाइल फोन बेचने का मौका दिया गया।

वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट ने अपने ऐप पर स्मार्टफोन बेचने के लिए 15,000 छोटी दुकानों, ब्यूटी सैलून, बेकरी और फार्मेसी आदि से साझेदारी की योजना बनाई है, जो आमतौर पर स्मार्टफोन नहीं बेचतीं। भारत में ईकॉमर्स का लगातार विस्तार हो रहा है। इसी क्रम में ऑनलाइन कंपनियां लगभग 120 लाख किराना दुकानों का उपयोग दूरदराज इलाकों में डिलीवरी एजेंट के तौर पर करने या ऑम्नी-चैनल रणनीति के तहत उन दुकानों के जरिए उत्पाद बेचने के लिए उनसे साझेदारी कर रही हैं। भारत में सालाना 650 अरब डॉलर का रिटेल बाजार है। इसमें से ई-कॉमर्स समेत मॉडर्न रिटेलर्स की हिस्सेदारी केवल 10 पर्सेंट है और बाकी 90 पर्सेंट में छोटे कारोबारियों का हिस्सा है।

रिटेल कंसल्टेंसी थर्ड आईसाइट के चीफ एक्जिक्यूटिव देवांग्शु दत्त ने बताया कि कारोबार का बड़ा हिस्सा अभी भी पारंपरिक रिटेल चेन के जरिए होता है, इसलिए अगर आप किराना दुकानों के साझेदारी कर रहे हैं तो आप एक साथ दो मोर्चे साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहला तो यह कि आप किराना दुकानों को डिजिटल ट्रेंड से जोड़ रहे हैं और दूसरा इससे यह संदेश भी जा रहा है कि हम छोटे दुकानदारों को नुकसान नहीं पहुंचा रहे, बल्कि उनकी मदद कर रहे हैं।

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