काबुल: कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कुछ खास भाव नहीं मिल रहा है। बौखलाए पाक ने अब अफगानिस्तान में जारी शांति प्रक्रिया को कश्मीर मुद्दे से जोड़ने की कोशिश की। हालांकि, अफगानिस्तान ने इस पर बेहद तल्ख प्रतिक्रिया दी है। कश्मीर को अफगानिस्तान में अमेरिका की अगुवाई में चल रही शांति प्रक्रिया से जोड़ने की पाकिस्तान की कोशिश को लापरवाह, कुटिल इरादों वाला और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। अफगानिस्तान ने अपने यहां लंबे समय तक हिंसा फैलाने के इस्लामाबाद के नापाक इरादे की भी आलोचना की।
पाकिस्तान के राजदूत के बयान को गुमराह करने वाला बयान करार देते हुए अमेरिका में अफगानिस्तान की राजदूत रोया रहमानी ने कहा, ‘अफगान शांति प्रयास को कश्मीर की उभरती स्थिति से जोड़ने वाले ऐसे कोई भी बयान घृष्ट, अवांछित एवं गैर जिम्मेदाराना हैं।’ रविवार को वॉशिंगटन स्थित अफगान दूतावास से जारी बयान में रहमानी ने कहा, ‘अफगानिस्तान अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद माजिद खान के इस बयान पर दृढ़ता से प्रश्न खड़ा करता है कि कश्मीर के वर्तमान तनाव से अफगानिस्तान की शांति प्रकिया प्रभावित हो सकती है।’
कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला बताते हुए रहमानी ने कहा कि उनके देश का मानना है कि कश्मीर मुद्दे से अफगानिस्तान को जानबूझकर जोड़ने का पाकिस्तान का मकसद अफगान धरती पर जारी हिंसा को और बढ़ाना है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को अफगानिस्तान की ओर से कोई खतरा नहीं है। अफगान सरकार को पाकिस्तान द्वारा अपनी पश्चिमी सीमा पर हजारों सैनिकों को तैनात करने का कोई विश्वसनीय कारण नजर नहीं आता। उल्टा, अफगानिस्तान का स्थायित्व पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के कारण अक्सर खतरे में पड़ जाता है।’