पलवल, 04 नवंबर। उपायुक्त यशपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली में आग जलाने की सूचना देने वाले को एक हजार रुपए की राशि ईनाम के तौर पर देने का निर्णय लिया है साथ ही सूचना देने वाले की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। कही भी पराली या फसल अवशेष में आग जलाने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचेगी और आगजनी पर काबू पाएगी। जिसका खर्च संबंधित भूमि के मालिक से वसूला जाएगा। उन्होंने यह जानकारी सोमवार को लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर राज्य की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की वीडियो कांफ्रेंस के उपरांत दी।मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने पलवल सहित राज्य के सभी जिलों में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर उठाए जाने वाले उपायों को लेकर निर्देश दिए। वीडियो कांफ्रेंस को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खण्डेलवाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक अजित बालाजी जोशी ने भी संबोधित किया।
वीडियो कांफ्रेंस के उपरांत यशपाल ने कहा कि जिला के भीतर उन्होंने पराली जलाने की प्रवृति पर नियंत्रण के लिए ग्राम स्तर पर गठित कमेटी को एक्टिव रहने के निर्देश दिए। साथ ही सभी ग्राम पंचायतों में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर रोक के लिए सरपंच व पटवारी जवाबदेह होंगे। उन्होंने कहा कि सभी उपमंडल अधिकारी (ना.) अपने-अपने क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों की स्वयं निगरानी करेंगे। इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माना तो लगाया जाएगा साथ ही विभिन्न धाराओं में कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 52 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) खोले गए है किसानों को पराली या अन्य फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए इस सेंटर्स से आधुनिक कृषि संयंत्रों का उपयोग करना चाहिए। जिला के किसानों ने इन सेंटर की मदद से 4215 एकड़ क्षेत्र में संयंत्रों का उपयोग किया है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए यह सेंटर किसानों के लिए मददगार साबित हुए है। बीते कई दिनों से जारी बढ़ते प्रदूषण के प्रकोप को लेकर उन्होंने कहा कि इंसान के अस्तित्व के लिए यह खतरनाक स्थिति है ऐसे में जिलावासी भी इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अपना सहयोग करें।
उपायुक्त ने वीडियो कांफ्रेंस के दौरान पलवल जिला में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए उपायों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिला की सीमा के भीतर औद्योगिक इकाईयों, निर्माण स्थलों आदि के लिए निर्देश जारी किए जा चुके है। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से एसडीओ कुलदीप तेवतिया व एडीओ (एफआई) रंजीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।