नई दिल्ली। सीआईएसएफ के जवान अब हवाई अड्डों पर यात्रियों से दोस्ताना व्यवहार नहीं निभाएंगे। बड़ी सी मुस्कुराहट वाली प्रणाली को बदल कर पर्याप्त मुस्कुराहट की प्रणाली पर काम किया जाएगा। जवानों को अपने रवैये में सख्ती लाने की हिदायत दी गई है। स्थानीय मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ अधिकारियों का आरोप है कि अमेरिका में 2001 में हुए आतंकी हमले के पीछे का एक कारण जवानों का अत्यधिक मित्रतापूर्ण व्यवहार भी था।
सीआईएसएफ के निदेशक जनरल राजेश रंजन का कहना है, ‘हम यात्रियों के साथ अधिक अनुकूल नहीं हो सकते हैं, क्योंकि 9/11 आतंकी हमले के पीछे का एक कारण जो सामने आया है, वो यात्रियों के साथ अत्यधिक फ्रेंडली (दोस्ताना) होना भी था।’ रंजन ने यह भी कहा कि सीआईएसएफ कर्मियों को अंतरराष्ट्रीय सलाहकारों द्वारा व्यवहारिक विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाएगा।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में सरकार ने सुरक्षा और यात्रियों को कोई समस्या न हो, इसके लिए कहा था कि घरेलू यात्रियों को जल्द ही अपने बोर्डिंग पास को साथ लेकर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी, ऐसा संभव हवाई अड्डे पर चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (facial recognition technology) के कारण हो सकेगा। इससे बोर्डिंग पास को लेकर लगने वाली यात्रियों की भीड़ से बचा जा सकेगा।
पिछले दशक में भारत में हवाई यात्रियों की संख्या में छह गुना वृद्धि देखी गई है। इसकी वजह बेहतर कनेक्टिविटी और सस्ता किराया है, क्योंकि पहले के मुकाबले अब हवाई यात्रा सस्ती हो गई हैं। हालांकि, इस कारण हवाई अड्डे बढ़ती भीड़ का भी सामना कर रहे हैं। जिसके चलते विश्लेषकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार को हवाई अड्डों की क्षमता व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने की जरूरत है।