श्री लंका में जारी राजनीतिक संकट, हम नहीं करते हस्तक्षेपः चीन

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पेइचिंग :  श्री लंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच चीन ने कल कहा कि यह उसका अंदरूनी मामला है और हमारी किसी देश के निजी मामलों में हस्तक्षेप न करने की नीति रही है। हालांकि, वह इस पर नजर बनाए हुए है। पेइचिंग ने साथ ही उम्मीद जताई कि संबंधित राजनीतिक दल वार्ता और विचार-विमर्श के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझा सकते हैं।

श्री लंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने और चीन समर्थक पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के बाद से वहां राजनीतिक संकट जारी है। श्री लंका के मौजूदा हालात के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने यहां संवाददाताओं से कहा कि चीन संकट पर नजर बनाए हुए है।

चीन श्री लंका का महत्वपूर्ण सहयोगी है और उसने वहां काफी निवेश किया है। उन्होंने कहा, ‘चीन और श्रीलंका मित्र पड़ोसी हैं। श्रीलंका में बदलती स्थिति पर हम निगाह बनाए हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि चीन हमेशा दूसरे देशों के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांत का पालन करता है।

उन्होंने कहा, ‘श्री लंका की स्थिति में बदलाव इसका अंदरूनी मामला है। हमारा मानना है कि श्रीलंका की सरकार में शामिल राजनीतिक दल और वहां के लोग इतने बुद्धिमान हैं कि इससे आसानी से निपट लेंगे।’

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