पलवल, 13 सितंबर। श्रम कल्याण विभाग की ओर से श्रमिकों के कल्याण व उनके जीवन स्तर के सुधार के उद्देश्य से अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। विभाग के द्वारा पितृत्व लाभ योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत श्रमिक पिता को नवजात शिशु की देखभाल के लिए 15 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है तथा साथ ही उसकी पत्नी को 6 हजार रुपए पौष्टिक आहार के लिए दिए जायेंगे। इस प्रकार श्रमिक पिता को विभाग की ओर से कुल 21 हजार रुपए पितृत्व लाभ के रूप में प्रदान किए जाते हैं।
उपायुक्त डा. मनीराम शर्मा ने बताया कि पितृत्व लाभ योजना का फायदा उसी श्रमिक को मिलेगा, जिसने एक वर्ष से अधिक समय पहले विभाग में पंजीकरण करवा रखा होगा। पितृत्व लाभ योजना का फायदा दो बच्चों तक ही दिया जाएगा, लेकिन तीन लड़कियां होने पर बच्चों का क्रम न देखते हुए भी इस योजना का लाभ दिया जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति सहित अन्य दस्तावेजों के साथ प्रसव होने के एक वर्ष के अंदर-अंदर सक्षम अधिकारी के पास आवेदन जमा करवाना अनिवार्य है। अगर श्रमिक की पत्नी द्वारा किसी भी विभाग या बोर्ड या निगम से मातृत्व लाभ लेने की अवस्था में श्रमिक को पितृत्व लाभ नहीं मिलेगा। इसी प्रकार विभाग की ओर से मातृत्व लाभ योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत महिला श्रमिक को 30 हजार रुपए मातृत्व तथा पौष्टिक आहार के लिए 6 हजार रुपए की वित्तीय सहायता बच्चे के जन्म के उपरांत दी जाती है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए महिला का विभाग में पंजीकरण होना आवश्यक है, जिसकी नियमित सदस्यता की अवधि एक वर्ष से अधिक होनी चाहिए। आवेदन के साथ बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति संलग्न करना आवश्यक है। मातृत्व लाभ दो बच्चों तक दिया जाता है, लेकिन बच्चों का क्रम न देखते हुए तीन लड़कियों तक दिया जाता है। आवेदन पत्र सभी दस्तावेजों के साथ प्रसव होने के एक वर्ष के अंदर-अंदर सक्षम अधिकारी के पास जमा करवाना होगा। इसमें शर्त है कि महिला श्रमिक के पति द्वारा किसी भी विभाग या बोर्ड या निगम से पितृत्व लाभ लेने की अवस्था में मातृत्व लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार श्रम कल्याण विभाग की ओर से मु यमंत्री महिला श्रमिक स मान योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत पंजीकृत महिला कामगारों को प्रत्येक वर्ष उनकी सदस्यता के नवीनीकरण के समय साड़ी, सूट, चप्पल, रैनकोट, छाता ,रबड़ मैट्रेस, रसोई के बर्तन एवं स्वास्थ्यप्रद नैपकिन आदि खरीदने के लिए बोर्ड द्वारा 5 हजार 100 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिला कामगार का पंजीकरण होना आवश्यक है और पंजीकरण की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी चाहिए। साथ ही उसके पहचान पत्र में पंजीकृत फीस तथा अंशदान की अदायगी का इंद्राज होना चाहिए। इस योजना का लाभ पंजीकृत महिला कामगार को प्रत्येक वर्ष उसकी सदस्यता की नवीनीकरण के अवसर पर ही प्रदान किया जाएगा।