फरीदाबाद। विद्यासागर इटरनेशनल स्कूल, सेक्टर -2 मे ́ दीपावली पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम
का शुभारम्भ मुख्यातिथि श्री राजेश कुमार, एसडीएम बल्लभगढ ̧, स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव एव ́डायरेक्टर सुनीता यादव ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कार्यक्रम को स ́बोधित करते हुए श्री कुमार ने बच्चो ́ को दीपावली पर ग्रीन पटाखे चलाने और प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का स ́देश दिया। पटाखे ́ का उपयोग हमारी परम्परा का अ ́ग है। चूँकि हमारी परम्परा पर्यावरण की पोषक रही है इसलिये हमे ́ पर्यावरण हितैषी और सुरक्षित दीपावली मनाना चाहिए। यह काम प्रत्येक नागरिकअपने स्तर पर खुद कर सकता है। श्री कुमार ने बच्चो ́ को समझाया कि पटाखे चलाने से पर्यावरण को नुकसान पहु ́चाता है,ऐसे मे ́ ग्रीन पटाखे ही चलाए ́ और माननीय न्यायालयो ́ के आदेश की पालना करते हुए सिर्फ 8 बजे से 10 बजे के बीच ही पटाखे चलाए ́। श्री कुमार ने बच्चो ́ का प्रेरणा दी कि पर्यावरण को बचाना हम सभी कीजिम्मेदारी है। दीपावली दियो ́ का त्योहार है खुशियों का त्योहार है इसे मिलजुल मनाना चाहिए और पर्यावरण को नुकसान नही ́ पहु ́चाना चाहिए। इस अवसर पर बच्चो ́ ने अनेक सा ́स्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कक्षा 5के छात्र ने अष्ट लक्ष्मी स्रोतम की प्रस्तुति दी वही ́ कक्षा 1 के छात्र ́ ने आई दीवाली गीत प्रस्तुत किया। कक्षा 4 एव ́ 5 के बच्चो ́ ने वेलकम गीत भी सुनाया। कार्यक्रम को स ́बोधित करते हुए स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने कहा कि महानगरो ́ मे ́ वाहनो ́ के ई ́धन से निकले धुएँ के कारण सामान्यत: प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से अधिक होता है।
बीमारियो ́ यथा हृदय रोग, फेफड, गुर्दे, यकृत एव ́ कै ́सर जैसे रोगो ́ का खतरा बढ ̧ जाता है। इसलिए पटाखे नही ́
चलाने चाहिए। स्कूल के डायरेक्टर दीपक यादव ने कहा कि हर साल दीपावली पर करोड ́ रुपयो ́ के पटाखे ́ का उपयोग
होता है। यह सिलसिला कई दिन तक चलता है। पटाखे ́ से बसाहटो ́, व्यावसायिक, औद्योगिक और ग्रामीण इलाको ́ । उल्लेखित धातुओ ́ के अ ́श कोहरे के साथ मिलकर अनेक दिनो ́ तक हवा मे ́ बने रहते है ́।उनके हवा मे ́ मौजूद रहने के कारण प्रदूषण का स्तर कुछ समय के लिये काफी बढ ̧ जाता है। इसलिए हमे ́ पटाखे नही ́ चलाने
चाहिए, और चलाते भी है ́ तो ग्रीन पटाखे चलाने चाहिए। सुनीता यादव ने कहा कि पटाखे ́ से मकानो ́ मे ́ आग लगने तथा
बच्चो ́ के जलने की संम्भावना होती है इसलिये सभी को कुछ बातो ́ को ध्यान मे ́रखना चाहिए-पटाखे को
सुरक्षित जगह पर रखे ́। उन्हे ́ ज्वलनशील से दूर ले जाकर ही जलाएँ। वाहनो ́ के आसपासपटाखे नही ́ जलाएँ।पटाखे
जलाते समय सूती कपडे पहने ́। सिन्थेटिक कपडे ज्वलनशील होते है ́। उनसे बचे ́।पटाखे जलाते समय घर की खिड़की ̧
और दरवाजे बन्द रखे ́। इससे आग लगने का खतरा घटेगा। हाथ मे ́ रखकर फटाके नही ́ पदाथोजलाएँ। बच्चो ́ को वयस्को ́/बुजुगो की देखरेख मे ́ पटाखे जलाने दे ́। कार्यक्रम को स्कूल की प्रि ́सिपल ज्योति चौधरी ने भी स ́बोधित करते हुए कहा कि दीपावलीवास्तव मे ́ दीपो ́ का त्यौहार है लेकिन इस दिन लोगो ́ मे ́ ́पटाखे को लेकर प्रतिस्पर्धा का जो दौर चलता है उससे वायु, ध्वनि प्रदूषण बढ ̧ जाती है।पटाखे पर्यावरण के लिए १तरनाक है लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नही ́ है।पटाखे के कारण कई प्रकार की गैस वायु म ́डल मे ́ घुल जाती है ́। इससे कई प्रकार की बीमारिया ́ अपने पैर पसार लेती है ́ वही ́ लोगो ́का सा ́स लेना भी दुभर हो जाता है। जानकारो ́ की माने तो दीपावली के समय करीब चालीस फीसदी प्रदूषण बढ ̧ जाता है।बावजूद कोई भी इस दिशा मे ́ ग ́भीर नही ́ है ́। इसलिए सभी को मिलजुलकर इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए।