लखनऊ:गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र में सबको बोलने की, सब कुछ करने की आजादी है, लेकिन देश तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती. लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘इस देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की बात है तो सरकार उसके लिए प्रतिबद्ध है.’’ उन्होंने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के संबंध में कहा, ‘‘जिनकी गिरफ्तारी हुई है वे पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं. आरोप गंभीर हैं. किसी सरकार को गिराने की साजिश रचना, हिंसा को बढ़ावा देने के लिए अपनी विचारधारा का सहारा लेना और सबसे बड़ी बात किसी देश को तोड़ने के लिए साजिश रचना, मैं समझता हूं इससे बड़ा अपराध कुछ और नहीं हो सकता.” सबको चलने की आजादी है. सब कुछ करने की आजादी है. लेकिन किसी को भी देश को तोड़ने की इजाजत नही दी जा सकती है. हिंसा को बढ़ावा देने की आजादी नही दी जा सकती है.’’ सिंह का यह बयान उच्चतम न्यायालय की पिछले दिनों आई टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया माना जा रहा है, जिसमें शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा था, ‘‘असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है और यदि आप इन सेफ्टी वाल्व की इजाजत नहीं देंगे तो यह फट जायेगा।’’ सिंह ने कहा कि नक्सली 126 जिलों से सिमटकर 10-12 जिलों में रह गए हैं. लेकिन अब नक्सली दूसरा रास्ता अपना रहे हैं. वे शहरों में आ गए हैं. वे अपनी विचारधारा से लोगों को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं, यह जानकारी एजेंसियों के जरिए प्राप्त हुई है.