मछलियों से भरपूर पौष्टिक समुद्री भोजन को शामिल किया गया, तब उनके फेफड़े की कार्यप्रणाली में सुधार देखा गया। यह अध्ययन ‘ह्यूमन न्यूट्रिशन ऐंड डायटेटिक्स’ में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में कहा गया कि यह देखा गया है कि पौष्टिक भोजन बचपन में होने वाले अस्थमा के लिये संभावित कारगर थेरपी हो सकता है।
वसा, चीनी, नमक बच्चों में अस्थमा के बढ़ने को प्रभावित करता है और अब हमारे पास यह साक्ष्य है कि पौष्टिक भोजन से अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करना संभव है।
वसा युक्त मछलियों में ओमेगा-3 फैटी ऐसिड होता है जिनमें रोग को रोकने में सक्षम गुण होते हैं। हमारे अध्ययन में यह पता चला कि सप्ताह में महज दो बार मछली खाने से अस्थमा से पीड़ित बच्चों के फेफड़े की सूजन कम हो सकती है।’