फरीदाबाद : आज दशहरे पर्व को लेकर चले आ रहे विवाद को लेकर जिला प्रशासन के साथ सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया की बैठक हुई। इस बैठक में नगर निगम जॉइंट-कमिश्नर संदीप अग्रवाल ,जिला रजिस्ट्रार कार्यालय से राजीव ,बड़खल एस डी एम अजय चौपड़ा , एनआईटी के ए सी पी गजेंद्र सिंह व आला अधिकारी मौजूद थे। बैठक में सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया ने अपने सभी दस्तावेज सभी अधिकारियो के समक्ष पेश किये। जिससे यह जाहिर हुआ की सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया ही है। राजेश भाटिया ने कहाकि धार्मिक सामाजिक संघठन नगर निगम के कागजों ने सील है फिर क्यों वहा अभी भी अवैध निर्माण चल रहा है और वहा का ताला भी खुला हुआ है। उन्होंने बताया की 2012 एक्ट के तहत धार्मिक सामाजिक संघठन रजिस्टर्ड नहीं है यह भी हमारी संस्था ने चेक करवाया है और उन्होंने आर टी आई के तहत जानकरी प्राप्त की जिसमे 1860 के तहत छबील दास भाटिया प्रधान है फिर ये सभी कौन है जो इस संस्था को गलत तरीके से कब्ज़ा किये बैठे है इस की भी जाँच करवाई जाए। श्री भाटिया ने अधिकारियो को दशहरे की तैयारियों का ब्यौरा दिया और कहाकि कि हमारी तैयारी पूरी है। इस बैठक के निर्णय के लिए अधिकारियों ने उनसे समय माँगा है।
इस पर पूर्व विधायक चन्दर भाटिया ने कहाकि केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर व बड़खल विधायिका सीमा त्रिखा दशहरा ख़राब करने पर तुले है। एक तरफ तो सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर के साथ 150 संस्थाएँ समर्थन कर रही है और दूसरी तरफ यह दोनों राजनीती करके दशहरा ख़राब कर कर रहे है। उन्होने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहाकि अगर इस बार सिद्ध पीठ श्री हनुमान मंदिर को दशहरा मनाने की अनुमति नहीं मिली तो वह और सभी धार्मिक संस्थाओं के साथ दशहरे वाले दिन शहर के हर चौक पर केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर व बड़खल विधायिका सीमा त्रिखा का पुतला फूंकेगे और शहर को काले झंडो से भर देंगे।
दशहरा की अनुमति न मिलने पर महंत सरूप बिहारी शर्मा का अनशन तीसरे भी जारी रहा
सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर श्री सनातन धर्म महाबीर दल द्वारा मनाया जाने वाला दशहरा पर्व की अनुमति ना मिलने को लेकर महंत सरूप बिहारी शर्मा द्वारा अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। शहर की लगभग सभी संस्थाओ ने अनशन पर आकर उनको समर्थन दिया। आज बाबा राम केबल व भाजपा जय दयाल चावला ने भी महंत जो को अपना समर्थन दिया। बताया जा रहा है कि महंत जी की तबियत बिगड़ रही रही है। उन्होंने तीन दिनों से जल तक नहीं पिया। सभी मंदिर के पदाधिकारी में रोष है।