पलवल | एम वी एन विश्वविद्यालय के तत्वाधान में फार्मेसी विद्यालय के छात्र व छात्राओं ने 57वाॅ राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह” के अन्तर्गत गांव औरंगाबाद में ‘क्षयरोग जागरूकता अभियान’ कार्यक्रम का आयोजन गया।इस कार्यक्रम के संयोजक, फार्मेसी संकाय के शिक्षक गिरीश मित्तल ने बताया कि क्षयरोग एक गंभीर प्रकृति की बीमारी है। जो माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस से होती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान आसानी से नहीं की जा सकती है, इसलिए इसके लक्षणों पर विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। इसके लक्षणों में मुख्यतः 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी, खांसी के साथ बलगम का आना और बलगम में कभी-कभी खून का आना, वजन कम होना और जाड़े में पसीना आना आदि हैं विभागाध्यक्षा तरुण विरमानी ने बताया विश्व में भारत क्षयरोग के मामले में पांचवें नंबर पर है और भारत में इस समय 2.79 लाख लोग इस रोग से पीड़ित हैं। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने 12000 करोड़ का बजट भारत को वर्ष 2025 तक क्षयरोग मुक्त बनाने के लिए आरक्षित किया है । सरकार इसकी जांच व इलाज निःशुल्क कराती है और इलाज के दौरान ₹500 व्यक्ति को भत्ता दिया जाता है।इस जागरूकता अभियान में सत्यवीर सौरौत, चरण सिंह, रेशू विरमानी, विकास जोगपाल, गीता मेहलावत और गिरीश मित्तल की टीमें बनाई गई। प्रत्येक टीम को 50 घरों को जागरूक करने का लक्ष्य दिया गया और 300 घरों को एम वी एन विश्वविद्यालय द्वारा क्षयरोग के बारे में अवगत कराया।इस अवसर पर कुलपति प्रो (डॉ) जे वी देसाई, कुलसचिव डॉ राजीव रतन और संकायाध्यक्ष डॉ ज्योति गुप्ता ने सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों की सराहना की कि उन्होंने जन जागरण के द्वारा सामाजिक कार्य को सम्पन्नकिया और यह भी बताया कि भविष्य में इस प्रकार के सामाजिक उत्थान के लिए यह कार्य करते रहेंगे।